PF (Provident Fund) अर्थात भविष्य निधि
PPF
EPF
NPS
1) प्राचीन समय में मानव धन को एकत्र करने के लिए गुल्लक का उपयोग करते थे ताकि भविष्य में मुसिबत के समय हाथ नही फैलाने पड़े।
2) वर्तमान में शासन यह नोटिस किया की लोग जितने पैसे कमा रहे उतने ही पैसे खर्च भी कर रहे तो फिर क्यो न इनके ही वैतन से पैसे काट कर इनके ही अकाउंट में रख दै और एक निश्चित समय के बाद दे।
3) गुल्लक का आधुनिक वर्जन ही PPF-EPF-NPS है।
PF की विशेषताएँ-
- PF अकाउंट नंबर कभी चैंज नही होते। (युनिवर्सल अकाउंट है)
- PF काटने का काम संबंधिक कंपनी, संस्था और विभाग का होता है।
- सामाजिक सुरक्षा के लिए आर्थिक सहयोग।
- कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान: कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों ही अपनी मासिक आय का एक निश्चित हिस्सा पीएफ खाते में जमा करते हैं।
- कर लाभ: पीएफ खाते में जमा की गई राशि पर आयकर छूट मिलती है।
- ब्याज: पीएफ खाते पर सरकार द्वारा निर्धारित दर से ब्याज मिलता है।
- सेवानिवृत्ति लाभ: सेवानिवृत्ति के समय पीएफ खाते में जमा पूरी राशि कर्मचारी को मिल जाती है।
- पोर्टेबिलिटी: नौकरी बदलने पर भी पीएफ खाता साथ चलता है।
- लोन की सुविधा: जरूरत पड़ने पर पीएफ खाते से लोन लिया जा सकता है।
- मृत्यु लाभ: कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को पीएफ खाते की राशि मिल जाती है।
- नियंत्रित: पीएफ एक नियंत्रित निवेश है, इसलिए इसमें जोखिम कम होता है।
- पीएफ के कुछ अन्य लाभ इस प्रकार हैं:
- दीर्घकालीन बचत: पीएफ एक दीर्घकालीन बचत का साधन है जो सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
- अनिवार्य बचत: पीएफ में योगदान अनिवार्य होता है, जिससे लोग नियमित रूप से बचत करने के लिए प्रेरित होते हैं।
- सरकारी समर्थन: पीएफ को सरकार द्वारा समर्थित किया जाता है, इसलिए यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।
EPF | PPF | NPS | |
Full form कब | Employees’ Provident Fund 1952 में भारत सरकार द्वारा शुरू। | Public Provident Fund 1968 में भारत सरकार द्वारा शुरू। | National Pension System 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए और 2009 में सभी नागरिकों के लिए। |
खाता | EPFO (श्रममंत्रालय) | Bank/Post office | PFRDA (Pension Fund Regulatory and Development Authority) (अधिन) Bank/post office |
के लिए | संगठित क्षेत्र 20 से ज्यादा कर्मचारी होने पर कंपनी को यह स्कीम अपनानी होती है/सरकारी कर्मचारियों के लिए | सभी नागरिकों/व्यक्तिगत स्किम | आयु 18 से 65 तक-सरकारी एवं आम नागरिक |
ब्याज | सरकार द्वारा तय, वर्तमान में 8.15% (2023)। | सरकार द्वारा तय, वर्तमान में 7.1% (2023)। | मार्केट-लिंक्ड (शेयर और बॉन्ड आधारित), 8-12% अनुमानित। उच्च जोखिम और उच्च रिटर्न की संभावना |
टैक्स | 5 साल बाद पूरी तरह टैक्स-फ्री। | पूरी तरह टैक्स-फ्री। | 60% टैक्स-फ्री, 40% एन्युइटी पर टैक्स लगता है। |
निकासी | रिटायरमेंट या बेरोजगारी के बाद पूरी निकासी। आपातकालीन- 5 वर्ष बाद आंशिक | 5 साल बाद आंशिक निकासी, 15 साल बाद पूरी निकासी की जा सकती। | सेवानिवृती के बाद 60% एकमुश्त निकासी, 40% पेंशन एन्युइटी के लिए। आपातकालीन- बहुत कम/आसान नही |
न्यूनतम योगदान | वेतन का 12% (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों)। | ₹500 प्रति वर्ष। 1.5 लाख अधिकतम जमा कर सकते। | वर्तमान में वेतन का 10% |
इस खबर के अनुसार, सरकार EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है, जिसे “EPFO 3.0” कहा जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को उनके PF खाते से पैसे निकालने की प्रक्रिया को और आसान और तेज़ बनाना है।
मुख्य बातें:
- ATM जैसी सुविधा:
- कर्मचारियों को PF से पैसे निकालने के लिए एटीएम जैसी कार्ड सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई जा रही है।
- यह कार्ड सीधे कर्मचारियों के PF खाते से लिंक होगा, जिससे जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसा निकाला जा सकेगा।
- हालांकि, इस निकासी की एक निश्चित सीमा तय की जाएगी।
- अंशदान बढ़ाने पर विचार:
- वर्तमान में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का PF योगदान उनकी बेसिक सैलरी का 12% होता है।
- इसे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है ताकि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अधिक फंड मिल सके।
- कर्मचारी अपनी पेंशन स्कीम में भी अंशदान को बढ़ा सकेंगे।
- जून 2025 तक लागू करने की योजना:
- “EPFO 3.0” के अंतर्गत यह नई व्यवस्था जून 2025 तक लागू करने की योजना है।
- यह बदलाव डिजिटलाइजेशन और तकनीक आधारित होगा, जिससे PF सेवाओं में पारदर्शिता और गति आएगी।
- EPFO 2.0 और 3.0 का अंतर:
- EPFO 2.0 के तहत कर्मचारियों को ऑनलाइन निकासी और ट्रांसफर की सुविधा दी गई थी।
- EPFO 3.0 के तहत निकासी प्रक्रिया और अधिक तेज़ और सरल हो जाएगी।
- ब्याज दर का उल्लेख:
- PF पर वर्तमान ब्याज दर 8.33% है।
- साथ ही, पेंशन योजना में योगदान के लिए दर 3.67% है।
- डिजिटल वित्तीय प्रबंधन:
- यह योजना डिजिटल सेवाओं को और मजबूत करेगी, जिससे कर्मचारियों को अधिक स्वायत्तता मिलेगी।
PF (Provident Fund) निकालने के लिए आप निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं। इसमें आपके पास UAN (Universal Account Number) और EPF पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है:
ऑनलाइन PF निकालने की प्रक्रिया:
1. EPFO पोर्टल पर लॉगिन करें:
- EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- UAN नंबर, पासवर्ड और CAPTCHA दर्ज करके लॉगिन करें।
2. Claim Section में जाएं:
- लॉगिन के बाद “Online Services” टैब पर क्लिक करें।
- “Claim (Form-31, 19, 10C & 10D)” विकल्प चुनें।
3. बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन:
- सुनिश्चित करें कि आपका बैंक अकाउंट UAN से जुड़ा और वेरिफाइड है।
- यदि यह जुड़ा नहीं है, तो पहले इसे अपडेट कराएं।
4. KYC डिटेल्स चेक करें:
- आपका आधार, पैन और बैंक विवरण सही और वेरिफाइड होना चाहिए।
5. फॉर्म भरें:
- “Proceed for Online Claim” विकल्प पर क्लिक करें।
- आपको निकासी के कारण का चयन करना होगा:
- Full Withdrawal: रिटायरमेंट या नौकरी बदलने के बाद।
- Partial Withdrawal: घर खरीदने, शादी, चिकित्सा, शिक्षा आदि के लिए।
- आवश्यक विवरण भरें और फॉर्म सबमिट करें।
6. OTP वेरिफिकेशन:
- आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP आएगा।
- OTP दर्ज करें और फॉर्म सबमिट करें।
7. Claim की स्थिति ट्रैक करें:
- पोर्टल पर “Track Claim Status” विकल्प से आप अपने आवेदन की स्थिति जान सकते हैं।
ऑफलाइन PF निकालने की प्रक्रिया:
1. फॉर्म डाउनलोड करें:
- EPFO की वेबसाइट से PF Withdrawal Form (Form 19/10C) डाउनलोड करें।
2. फॉर्म भरें:
- सभी आवश्यक जानकारी जैसे नाम, UAN, बैंक खाता विवरण, और निकासी कारण भरें।
3. दस्तावेज संलग्न करें:
- KYC दस्तावेज (आधार, पैन, बैंक पासबुक/चेक) संलग्न करें।
4. फॉर्म जमा करें:
- इसे अपने क्षेत्रीय EPF कार्यालय में जमा करें।
- अगर आपका नियोक्ता सक्रिय है, तो उनकी स्वीकृति आवश्यक हो सकती है।
PF निकालने के नियम:
- पूर्ण निकासी (Full Withdrawal):
- 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर या नौकरी छोड़ने के बाद।
- यदि नई नौकरी नहीं है और 2 महीने तक बेरोजगार हैं।
- आंशिक निकासी (Partial Withdrawal):
- शादी, शिक्षा, चिकित्सा कारण, घर खरीदने, या मरम्मत के लिए।
समय सीमा:
- ऑनलाइन आवेदन के बाद 7-10 कार्य दिवसों में राशि आपके बैंक खाते में जमा हो जाती है।
अगर कोई समस्या आए, तो आप EPFO हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं या EPFiGMS पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।