स्थानांतरण नीति 2025 PDF Download, 30 दिन का समय निर्धारित। मप्र का मंत्रिपरिषद्।

प्रस्तावना:
मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2025 के लिए स्थानांतरण (ट्रांसफर) नीति में महत्त्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस वर्ष 60,000 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की संभावना है। पूरी प्रक्रिया के लिए 1 मई से 30 मई तक कुल 30 दिन निर्धारित किए गए हैं।

🚨 स्थानांतरण नीति 2024: मुख्य बिंदु

  1. मंत्री/प्रभारी मंत्री को अधिकार – अब विभागीय स्थानांतरण का निर्णय संबंधित मंत्री और प्रभारी मंत्री द्वारा लिया जा सकेगा।
  2. पद के अनुसार स्थानांतरण की सीमा:
    • 200 पद तक – अधिकतम 20% स्थानांतरण
    • 201 से 1000 पद – अधिकतम 15%
    • 1001 से 2000 पद – अधिकतम 10%
    • 2001 से अधिक पद – अधिकतम 5%
  3. 40% या अधिक दिव्यांग कर्मचारी – इन कर्मचारियों का स्थानांतरण अनिवार्य रूप से नहीं होगा। यदि वे चाहें तो स्वयं आवेदन देकर स्थानांतरण ले सकते हैं।
  4. सभी प्रकार के अटैचमेंट समाप्त – ट्रांसफर पॉलिसी के अंतर्गत सभी तरह के ‘संलग्न पदस्थापन’ (attachment) खत्म किए जाएंगे।
  5. रिक्त पद की पूर्ति संबंधित स्थान से – स्थानांतरण के कारण खाली हुए पदों की भरपाई उसी पद और स्थान की प्राथमिकता से की जाएगी।

🗓 पिछले वर्षों में ट्रांसफर प्रक्रिया की समयावधि

वर्षतिथिकुल दिन
20251 मई से 30 मई30 दिन
202315 जून से 7 जुलाई22 दिन
202217 सितंबर से 5 अक्टूबर20 दिन
20211 जुलाई से 31 जुलाई31 दिन
2020लागू नहीं (कोविड लॉकडाउन)
20195 जून से 5 जुलाई35 दिन

आधिकारिक नोट–

📌 स्थानांतरण नीति की प्रमुख बातें

Q. क्या नव-नियुक्त शिक्षकों के भी होंगे स्थानांतरण?

ans- हाँ होंगे, वर्ष 2022 में जारी पोलिसी को संशोधिक किया गया था जिसका लिंक नीचे सारणी में दिया है।

1. प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरण

  • सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों की रिक्तियाँ भरी जाएँगी।
  • इसके बाद गैर-अनुसूचित क्षेत्रों की रिक्तियों को स्थानांतरण द्वारा भरा जाएगा।
  • संबंधित क्षेत्र में कम-से-कम 3 वर्षों की सेवा आवश्यक है।

2. वरिष्ठता और सेवा अवधि का पालन

  • स्थानांतरण उसी जिले में वरिष्ठता के क्रम में किया जाएगा।
  • पहले से कार्यरत कर्मचारियों को वरीयता दी जाएगी।

3. कर्मचारी संगठन पदाधिकारियों को विशेष छूट

  • मान्यता प्राप्त संगठनों के प्रदेश, संभाग, जिला, तहसील और विकासखंड स्तर के पदाधिकारियों को नीति में छूट दी जाएगी।

4. विभागीय स्वतंत्रता, परंतु GAD की नीति अनिवार्य

  • विभाग अपनी अलग नीति बना सकते हैं, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) की मुख्य शर्तों का पालन अनिवार्य होगा।
  • GAD की नीति से हटकर स्थानांतरण करने वालों को मुख्य सचिव की अनुमति लेनी होगी।

🚫 प्रतिबंध अवधि में किनका ट्रांसफर हो सकता है?

क्रमकारण या स्थिति
1गंभीर बीमारी या शारीरिक/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर।
2न्यायालयीन आदेश, जहाँ सरकार के पास पालन के अलावा कोई विकल्प न हो।
3गंभीर शिकायतें या अनियमितता/लापरवाही साबित होने पर।
4लोकायुक्त, EOW या पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने पर।
5अभियोजन की कार्रवाई आरंभ होने पर, ताकि जांच प्रभावित न हो।
6निलंबन, डीड अवकाश, त्यागपत्र, अनिवार्य/स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, पदोन्नति,
कर्मचारी की मृत्यु के बाद उस पद की पूर्ति हेतु।

👥 राज्य में कुल कर्मचारी (वर्गवार) स्थिति – 31 मार्च 2024 तक

मध्यप्रदेश में कुल 6,07,876 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 4,29,750 पुरुष और 1,77,126 महिला कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:

🏷 श्रेणी👥 कुल संख्या👨‍💼 पुरुष👩‍💼 महिला
प्रथम8,2865,7592,527
द्वितीय40,02026,79313,227
तृतीय5,00,0483,50,5581,49,490
चतुर्थ58,52246,64011,882

📌 नोट: ये आंकड़े 31 मार्च 2024 की स्थिति पर आधारित हैं।

स्थानांतरण प्रक्रिया कैसे होती है? जानिए इस आर्टिकल में – Click here

स्थानांतरण प्रक्रिया कैसे होती है? जानिए इस आर्टिकल में – Click here

📌 किनके तबादले हो सकेंगे और किनके नहीं? (स्थानांतरण नीति 2024)

  1. सभी श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारी
    • स्थानांतरण नीति में तय की गई संख्या के आधार पर सभी श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला संभव होगा।
    • यह संख्या GAD (सामान्य प्रशासन विभाग) द्वारा तय अधिकतम सीमा के अनुसार होगी।
  2. आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, राज्य प्रशासनिक व पुलिस सेवा के अधिकारी
    • ये अधिकारी इस नीति के सीधे दायरे में नहीं आते।
    • इनके तबादले प्रशासनिक व्यवस्था और आवश्यकताओं के अनुसार सरकार द्वारा अलग प्रक्रिया से होते हैं।
  3. मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार
    • आईएएस, आईपीएस जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार में आते हैं।
    • प्रशासनिक जमावट, कानून व्यवस्था और योजनाओं के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अपनी सुविधा और राज्य की व्यवस्था के अनुसार इनका तबादला करते हैं।

कॉलेज से अतिरेक शिक्षकों को हटाएंगे

तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास, उच्च शिक्षा विभाग के जिन संस्थाओं, विद्यालयों, महाविद्यालयों में विषयवार तय संख्या से अधिक शिक्षक काम कर रहे हैं, वहां से अतिरेक शिक्षकों को दूसरी जगह पदस्थ किया जाएगा।
ऐसा करने से जूनियर टीचर को अतिरेक कर्मचारी होने की स्थिति में सबसे पहले स्थानांतरित किया जाएगा।
मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग शिक्षकों और जिनका रिटायरमेंट एक साल के कम में है, उन्हें स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।

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