डॉ. मनमोहन सिंह, भारतीय अर्थव्यवस्था का मसीहा। “जीवनी”

डॉ. मनमोहन सिंह, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता और अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दींसी। उनका जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक छोटे से गाँव, गुरदासपुर में हुआ था। उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं और योगदान का विस्तृत विवरण निम्नलिखित है:

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • 26 सितंबर 1932: डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनका परिवार विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आया था।
  • 1952: उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की।
  • 1954: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की।
  • 1962: उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में D. Phil. (डॉक्टरेट) की डिग्री प्राप्त की।

2. करियर की शुरुआत

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक में अर्थशास्त्री के रूप में कार्य किया और बाद में वित्त मंत्रालय में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
  • 1971 में, वे योजना आयोग में सदस्य बनाए गए, जहां उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की योजना बनाने में योगदान दिया।

3. प्रधानमंत्री बनने से पहले

  • 1991: डॉ. मनमोहन सिंह को भारतीय प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
  • 1991 में उन्होंने भारत के आर्थिक सुधारों का नेतृत्व किया, जो भारत के आर्थिक उदारीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुए। उनके नेतृत्व में कई प्रमुख आर्थिक सुधार किए गए, जैसे – विदेशी निवेश को बढ़ावा देना, उद्योगों में सरकारी नियंत्रण को कम करना, और भारतीय मुद्रा को बाहरी बाज़ारों में प्रतिस्पर्धी बनाना।

4. प्रधानमंत्री पद पर कार्यकाल

  • 22 मई 2004: डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए एक अप्रत्याशित चयन माना गया।
  • उनके नेतृत्व में भारतीय राजनीति में कई बदलाव हुए, जैसे कि UPA (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की स्थापना, जो कांग्रेस पार्टी और अन्य छोटे दलों का गठबंधन था।

प्रमुख घटनाएँ और निर्णय:

  • 2004-2014: डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते भारत में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार हुए, जिनमें आर्थिक विकास दर का बढ़ना, विदेशी निवेश में वृद्धि और वैश्विक मंच पर भारत का प्रभाव बढ़ना शामिल है।
  • 2008: भारत-अमेरिका न्यूक्लियर डील, जो भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। इस समझौते ने भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी मजबूत किया।
  • 2009: उनके नेतृत्व में यूपीए सरकार ने दूसरी बार चुनाव में जीत हासिल की, और डॉ. मनमोहन सिंह को दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया।

5. आर्थिक नीतियाँ

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाई। उनका मानना था कि भारत को वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए आर्थिक उदारीकरण और वैश्विक व्यापार में अधिक भागीदारी करनी चाहिए।

6. सामाजिक क्षेत्र में योगदान

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और गरीबी उन्मूलन के लिए कई योजनाएं बनाई। उनके समय में, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) जैसे कार्यक्रमों ने भारत में गरीबों के लिए भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की।

7. अंततः प्रधानमंत्री पद से विदाई

  • 2014: डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को समाप्त किया, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता हासिल की।

8. जीवन के बाद का समय

  • प्रधानमंत्री पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति में एक प्रमुख हस्ती बने रहे। वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में सक्रिय रहे, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक जीवन से अपेक्षाकृत दूरी बनाई।

9. निधन

  • 2024, 26 दिसंबर: डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया। उनकी मौत से भारत ने एक महान नेता और एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री को खो दिया। उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में हमेशा याद किया जाएगा।

10. पुरस्कार और सम्मान

  • डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सेवाओं के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें भारत सरकार द्वारा ‘भारत रत्न’ (2009) जैसे सम्मान शामिल हैं।

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन एक प्रेरणा है। उनके द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों ने भारत को एक नई दिशा दी, और उनकी नीतियों का प्रभाव आज भी भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में महसूस किया जा सकता है।

डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा किए गए देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में निम्नलिखित प्रमुख योगदान शामिल हैं:

1. आर्थिक उदारीकरण (1991)

  • वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल (1991-1996): डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में वित्त मंत्री के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव किए। भारत में आर्थिक संकट के समय, उन्होंने आर्थिक उदारीकरण की दिशा में कई बड़े कदम उठाए। उनका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों से जोड़ना था। उन्होंने निम्नलिखित उपाय किए:
    • विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोले: विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित किया।
    • निजीकरण और उदारीकरण: सरकारी नियंत्रण को कम किया और निजी क्षेत्र को ज्यादा प्रोत्साहन दिया।
    • मूल्य सुधार: भारतीय रुपये को बहुलन (devaluation) किया और सरकारी क्षेत्र के नियंत्रण को कम किया।

इस निर्णय ने भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से उबारा और भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया।

2. भारत-अमेरिका न्यूक्लियर डील (2008)

  • डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक परमाणु समझौता हुआ, जिसे भारत-अमेरिका न्यूक्लियर डील कहा जाता है। इस डील ने भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलवाई और भारत को नागरिक परमाणु प्रौद्योगिकी और ईंधन प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया। यह डील भारत के ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण थी।

3. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA)

  • डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) को 2013 में लागू किया, जिसके तहत देश के 2/3 जनसंख्या को सस्ती दरों पर खाद्यान्न मुहैया कराया जाता है। यह योजना गरीबों को पोषण का अधिकार प्रदान करती है और देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह कार्य सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम था।

4. आर्थिक विकास दर में सुधार

  • उनके कार्यकाल में, विशेष रूप से 2004 से 2014 तक, भारत की आर्थिक विकास दर में भारी वृद्धि देखी गई। भारत ने औसतन 7-8% की विकास दर हासिल की, जो विश्व स्तर पर एक उच्च दर थी। इस दौरान भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी और गरीबी में कमी आई।

5. सामाजिक क्षेत्र में सुधार

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उदाहरण के लिए:
    • मनरेगा (MGNREGA) योजना, जो ग्रामीण रोजगार सुनिश्चित करती है।
    • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM), जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया।

6. आंतरिक और वैश्विक कूटनीति

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार में विदेश नीति को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया। उनके नेतृत्व में भारत ने कई देशों के साथ कूटनीतिक रिश्ते मजबूत किए, खासकर:
    • भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार: उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुधारने का प्रयास किया।
    • अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी: उनका कार्यकाल भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को नई ऊंचाई पर लेकर गया।

7. विकासशील देशों के लिए नेतृत्व

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने ब्रिक्स (BRICS) जैसे वैश्विक मंचों पर सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे भारत को विकासशील देशों की आवाज के रूप में पहचाना गया।

डॉ. मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को न केवल वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए, बल्कि उन्होंने गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं भी बनाई। उनके कार्यों ने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।

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