जनगणना 2027

भारत जैसे विशाल, विविधतापूर्ण और जनसंख्या की दृष्टि से विश्व के दूसरे सबसे बड़े देश में जनगणना केवल आँकड़ों का संकलन नहीं होती, बल्कि यह देश की नीति-निर्माण प्रक्रिया की रीढ़ होती है। लंबे अंतराल के बाद अब भारत एक बार फिर जनगणना 2027 की ओर बढ़ रहा है, जिसे लेकर केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक और दूरगामी महत्व के कई निर्णय लिए हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में ₹11,718.24 करोड़ की लागत से भारत की जनगणना 2027 के संचालन को मंज़ूरी दे दी है। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से भी आने वाले दशकों की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।
दो चरणों में होगी जनगणना: सुनियोजित और वैज्ञानिक प्रक्रिया
भारत की जनगणना 2027 को दो स्पष्ट चरणों में आयोजित किया जाएगा, ताकि आँकड़ों की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और गहराई सुनिश्चित की जा सके।
पहला चरण: गृह-सूचीकरण एवं आवास जनगणना
यह चरण अप्रैल 2026 से सितंबर 2026 के बीच आयोजित किया जाएगा।
इस दौरान निम्नलिखित जानकारियाँ एकत्र की जाएँगी:
- प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति
- मकान का प्रकार, सुविधाएँ और संरचना
- घर में उपलब्ध संसाधन
- घरेलू सुविधाएँ (पानी, बिजली, शौचालय आदि)
यह चरण देश के भौतिक और सामाजिक ढांचे की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत करेगा।
🔹 दूसरा चरण: जनसंख्या गणना
फरवरी 2027 में आयोजित होने वाला यह चरण जनगणना का सबसे महत्वपूर्ण भाग होगा।
इसमें निम्न आँकड़े शामिल होंगे:
- जनसंख्या की कुल संख्या
- आयु, लिंग, शिक्षा, रोजगार
- सामाजिक-आर्थिक स्थिति
- जाति से संबंधित आँकड़ों का इलेक्ट्रॉनिक संकलन
यह विशेष बात है कि दूसरे चरण में जाति संबंधी डेटा डिजिटल माध्यम से एकत्र किया जाएगा, जो नीति-निर्माण में पारदर्शिता और तथ्यात्मक मजबूती लाएगा।
पहली बार पूर्णतः डिजिटल जनगणना: एक ऐतिहासिक बदलाव
जनगणना 2027 को भारत की पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना माना जा रहा है।
अब तक कागज़ आधारित प्रणाली पर निर्भर भारत, इस बार डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से डेटा संग्रह करेगा।
डिजिटल जनगणना के प्रमुख लाभ:
- डेटा संग्रह में तेज़ी और सटीकता
- मानवीय त्रुटियों में कमी
- रीयल-टाइम मॉनिटरिंग
- डेटा प्रोसेसिंग में कम समय
- पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया (पेपरलेस)
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि डिजिटल डेटा की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। साइबर सुरक्षा, डेटा एन्क्रिप्शन और एक्सेस कंट्रोल जैसे आधुनिक उपायों को अपनाया जाएगा।
30 लाख से अधिक कर्मियों की भागीदारी: विश्व की सबसे बड़ी प्रशासनिक कवायद
इस विशाल अभियान को सफल बनाने के लिए लगभग 30 लाख फील्ड कर्मी जनगणना प्रक्रिया में भाग लेंगे।
इनमें शामिल होंगे:
- शिक्षक
- सरकारी कर्मचारी
- पर्यवेक्षक एवं तकनीकी स्टाफ
यह संख्या अपने-आप में जनगणना को दुनिया की सबसे बड़ी शांति-कालीन प्रशासनिक गतिविधि बनाती है।
नीति निर्माण की आधारशिला बनेगी जनगणना 2027
जनगणना से प्राप्त आँकड़े सीधे-सीधे प्रभावित करते हैं:
- संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन
- आरक्षण नीति
- शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार योजनाएँ
- शहरी-ग्रामीण विकास
- सामाजिक न्याय और कल्याण योजनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि जनगणना 2027 के आँकड़े अगले 10–15 वर्षों तक सरकारी नीतियों की दिशा तय करेंगे।
जनगणना-सेवा (CaaS): डेटा का आधुनिक उपयोग
सरकार ने Census as a Service (CaaS) मॉडल अपनाने का भी निर्णय लिया है, जिसके तहत:
- मंत्रालयों और विभागों को
- स्वच्छ, मशीन-पठनीय और कार्रवाई-योग्य डेटा
उपलब्ध कराया जाएगा।
इससे योजनाओं का क्रियान्वयन अधिक सटीक और लक्ष्य-आधारित हो सकेगा।
निष्कर्ष: केवल गणना नहीं, भारत के भविष्य का खाका
जनगणना 2027 केवल लोगों की गिनती नहीं है—
यह भारत के भविष्य का खाका है।
डिजिटल तकनीक, विशाल मानव संसाधन, भारी निवेश और प्रशासनिक प्रतिबद्धता के साथ यह जनगणना भारत को डेटा-ड्रिवन गवर्नेंस की ओर एक बड़ा कदम आगे ले जाएगी।
जब 2027 में यह प्रक्रिया पूरी होगी, तब भारत के पास न केवल अद्यतन आँकड़े होंगे, बल्कि एक ऐसा मजबूत आधार होगा, जिस पर आने वाली पीढ़ियों की नीतियाँ और योजनाएँ खड़ी की जा सकेंगी।
भारत की जनगणना 2027 में लिया जाने वाला डेटा (पूरी सूची)
जनगणना 2027 दो चरणों में होगी, इसलिए डेटा भी दो भागों में एकत्र किया जाएगा।
संभावित………………………………….
चरण–1 : गृह-सूचीकरण एवं आवास जनगणना
(अप्रैल – सितंबर 2026)
इस चरण में घर और रहने की स्थिति से जुड़ा डेटा लिया जाएगा।
(A) आवास से संबंधित डेटा
- मकान का प्रकार (पक्का / कच्चा / अर्ध-पक्का)
- मकान की छत, दीवार और फर्श का प्रकार
- कमरों की संख्या
- मकान का स्वामित्व (स्वयं का / किराए का)
- आवासीय या गैर-आवासीय उपयोग
(B) घरेलू सुविधाएँ
- पीने के पानी का स्रोत
- शौचालय की उपलब्धता
- बिजली कनेक्शन
- रसोई गैस / ईंधन का प्रकार
- जल निकासी व्यवस्था
(C) घरेलू संपत्ति / संसाधन
- मोबाइल फोन
- इंटरनेट कनेक्शन
- टीवी, रेडियो
- वाहन (दो पहिया / चार पहिया)
- कंप्यूटर / लैपटॉप
👉 यह डेटा सरकार को आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं में मदद करेगा।
चरण–2 : जनसंख्या गणना
(फरवरी 2027)
यह चरण जनगणना का मुख्य और सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
(A) व्यक्तिगत पहचान संबंधी डेटा
- नाम
- आयु / जन्म तिथि
- लिंग (पुरुष / महिला / अन्य)
- वैवाहिक स्थिति
(B) सामाजिक डेटा
- धर्म
- जाति (डिजिटल माध्यम से)
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति की स्थिति
- दिव्यांगता (यदि हो)
विशेष बिंदु:
जाति संबंधी डेटा पहली बार इलेक्ट्रॉनिक रूप में संकलित किया जाएगा, जो नीति निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण होगा।
(C) शैक्षिक डेटा
- साक्षरता की स्थिति
- शैक्षिक स्तर
- स्कूल/कॉलेज में नामांकन
(D) आर्थिक एवं रोजगार डेटा
- रोजगार की स्थिति
- कार्य का प्रकार
- व्यवसाय
- कार्यशील / गैर-कार्यशील जनसंख्या
- महिला श्रमिकों की भागीदारी
(E) जनसांख्यिकीय (Demographic) डेटा
- परिवार का आकार
- बच्चों, युवाओं और वृद्धों की संख्या
- आश्रित जनसंख्या
- प्रवासन (Migration) से जुड़ी जानकारी
डिजिटल जनगणना से जुड़ा अतिरिक्त डेटा
- स्वयं गणना (Self-Enumeration) का विकल्प
- डिजिटल लोकेशन टैगिंग
- डेटा का समय-मुद्रण (Time Stamp)
- एन्क्रिप्टेड डेटा संग्रह
डेटा सुरक्षा से जुड़े प्रावधान
- एंड-टू-एंड डेटा एन्क्रिप्शन
- सीमित एक्सेस नीति
- डेटा का उपयोग केवल सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए
- व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी
एक नजर में – जनगणना 2027 का डेटा सारांश
| श्रेणी | डेटा का प्रकार |
|---|---|
| आवास | मकान, सुविधाएँ, संसाधन |
| व्यक्तिगत | आयु, लिंग, विवाह |
| सामाजिक | धर्म, जाति, SC/ST |
| शिक्षा | साक्षरता, योग्यता |
| आर्थिक | रोजगार, पेशा |
| डिजिटल | इंटरनेट, मोबाइल |
| जनसंख्या | परिवार, प्रवासन |
🎯 प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- जनगणना 2027 दो चरणों में
- पहली बार पूर्णतः डिजिटल जनगणना
- जाति डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से
- लगभग 30 लाख कर्मी
- लागत: ₹11,718.24 करोड़
भारत की जनगणना 2027 – महत्वपूर्ण तथ्य (बुलेट फॉर्म)
जनगणना कितने वर्षों बाद हो रही है
- भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी
- सामान्यतः जनगणना हर 10 वर्ष में होती है
- 2021 की जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण नहीं हो सकी
- अब अगली जनगणना 2027 में कराई जाएगी
- इस प्रकार जनगणना 16 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है
2011 में भारत की कुल जनसंख्या
- कुल जनसंख्या: लगभग 121.08 करोड़
- संख्या में: 1,21,08,54,977 व्यक्ति
- उस समय भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश था
2011 जनगणना के प्रमुख आँकड़े
- पुरुष जनसंख्या: लगभग 62.37 करोड़
- महिला जनसंख्या: लगभग 58.71 करोड़
- लिंगानुपात: 943 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
- कुल साक्षरता दर: 74.04%
- पुरुष साक्षरता: 82.14%
- महिला साक्षरता: 65.46%
- शहरी जनसंख्या: लगभग 31%
- ग्रामीण जनसंख्या: लगभग 69%
- 2001–2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर: 17.64%
2027 की जनगणना क्यों विशेष है
- लंबे 16 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है
- देश की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक स्थिति स्पष्ट करेगी
- योजनाओं और नीतियों को नया आधार मिलेगा
- संसदीय और विधानसभा परिसीमन में उपयोगी होगी
- आरक्षण और सामाजिक न्याय से जुड़े निर्णयों में सहायक होगी
परीक्षा के लिए सीधे पूछे जाने वाले प्रश्न
- पिछली जनगणना कब हुई? → 2011
- जनगणना 2027 कितने वर्षों बाद? → 16 वर्ष
- 2011 में भारत की जनसंख्या कितनी थी? → लगभग 121 करोड़
- जनगणना सामान्यतः कितने वर्षों में होती है? → 10 वर्ष