अब एक ही परीक्षा से सभी विभागों में भर्ती, नहीं देना होगा बार-बार एग्जाम (नियम 2026 से लागू होगा)

मध्यप्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के लिए बड़ी खबर सामने आई है। अब एमपी कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बदलाव करने की तैयारी में है। जिस प्रणाली में अभी तक हर विभाग के लिए अलग-अलग परीक्षा देनी पड़ती थी, अब वह पूरी तरह बदलेगी।
🔄 क्या होगा बदलाव?
अब उम्मीदवारों को एक ही परीक्षा देकर विभिन्न विभागों के रिक्त पदों पर आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। इसका अर्थ है कि अभ्यर्थियों को हर बार अलग-अलग फॉर्म भरने, फीस जमा करने और परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। परीक्षा के बाद एक साझा मेरिट सूची बनेगी, और उसी के आधार पर विभिन्न विभागों में नियुक्तियाँ दी जाएँगी।
📚 अब तक होती थीं कई परीक्षाएं
मौजूदा व्यवस्था में ईएसबी हर साल लगभग 8 से 9 भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने का लक्ष्य है, जैसे:
- पटवारी परीक्षा
- समूह-4 (क्लर्क, डाटा एंट्री ऑपरेटर)
- सहायक ग्रेड-3
- पुलिस आरक्षक भर्ती
- वनरक्षक, जेल प्रहरी
- प्राथमिक शिक्षक (वर्ग-3)
- माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग-2 एवं वर्ग-1)
इन सभी को अब एकीकृत परीक्षा प्रणाली में शामिल करने का प्रस्ताव है।
📘 नई परीक्षा प्रणाली का प्रारूप
एसएससी (SSC) की तर्ज पर एमपी में अब चार प्रमुख श्रेणियों में परीक्षाएं आयोजित करने का विचार है:
- स्नातक स्तरीय परीक्षा – सभी ग्रुप-C के पदों के लिए
- हायर सेकेंडरी स्तरीय परीक्षा – 12वीं पास योग्यता पर आधारित पदों के लिए
- तकनीकी पदों हेतु परीक्षा – इंजीनियरिंग, आईटीआई आदि तकनीकी योग्यता वाले पद
- शिक्षक पात्रता परीक्षा – वर्ग 1, 2, 3 के शिक्षकीय पदों के लिए
✅ इस बदलाव के प्रमुख लाभ
- एक ही परीक्षा से अनेक विभागों में चयन की संभावना।
- विभिन्न विभागों के लिए बार-बार आवेदन और परीक्षा की जरूरत नहीं।
- अभ्यर्थियों का समय, पैसा और मानसिक तनाव कम होगा।
- विभागों को जल्द और योग्य अभ्यर्थी मिल सकेंगे।
- भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और त्वरित होगी।
- एकीकृत मेरिट के आधार पर निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव होंगी।
🧑💼 कैसे होगा चयन?
परीक्षा में सफल होने के बाद उम्मीदवार पोर्टल पर विभिन्न पदों के लिए वरीयता (Preference) देंगे। उसी के अनुसार मेरिट लिस्ट तैयार होगी और विभागों को नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थी भेजे जाएँगे।
मध्यप्रदेश में सरकारी भर्ती की वर्तमान व्यवस्था: MPPSC व ESB की भूमिका और नई भर्ती प्रक्रिया
🔹 मौजूदा भर्ती व्यवस्था क्या है?
मध्यप्रदेश में शासकीय नौकरियों के लिए दो प्रमुख एजेंसियाँ परीक्षा आयोजित करती हैं:
1. मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC)
- भर्ती के लिए परीक्षा: क्लास-2 और क्लास-3 (कार्यपालिक) पदों के लिए।
- परीक्षा आयोजन: आयोग द्वारा सालभर के परीक्षा कैलेंडर के अनुसार किया जाता है।
2. कर्मचारी चयन मंडल (ESB)
- भर्ती के लिए परीक्षा: क्लास-3 (गैर-कार्यपालिक) पदों के लिए।
- परीक्षा आयोजन: ESB भी अपने तय कैलेंडर के अनुसार परीक्षाएँ आयोजित करता है।
नोट: हर परीक्षा के लिए एजेंसियाँ स्वयं ही सारी व्यवस्थाएँ करती हैं, जैसे केंद्र निर्धारण, निगरानी आदि।
🔹 PSC और ESB के अंतर्गत पदों का वर्गीकरण
MPPSC (PSC) द्वारा ली जाने वाली प्रमुख परीक्षाएँ (द्वितीय श्रेणी के पद)
- राज्य सेवा परीक्षा – प्रशासनिक और वन सेवा हेतु
- उच्च शिक्षा परीक्षा – असिस्टेंट प्रोफेसर
- तकनीकी, मेडिकल, इंजीनियरिंग व एग्रीकल्चर से संबंधित प्रोफेसर पद
- कनिष्ठ स्तर के पद, जैसे जनपद सीईओ
- अन्य द्वितीय श्रेणी के पद
ESB द्वारा ली जाने वाली परीक्षाएँ (तृतीय श्रेणी के पद)
- पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के पद – जैसे C ग्रुप में आने वाले पद
- ग्रेजुएट स्तर के पद – शिक्षक व अन्य पद
- 12वीं पास पद – जिनमें वर्दीधारी भर्तियाँ भी शामिल हैं
- डिप्लोमा होल्डर पद – तकनीकी पद
नोट: यदि MPPSC किसी द्वितीय श्रेणी पद पर भर्ती से इंकार करता है, तो वो भर्ती प्रक्रिया ESB के माध्यम से पूरी की जाती है।
🔹 भर्ती की नई प्रणाली: चरणबद्ध फॉर्मूला
सरकार ने रिक्त पदों को भरने के लिए चरणबद्ध फॉर्मूला लागू किया है, जो रिक्त पदों की संख्या के आधार पर तय होता है:
1. 1 से 50 पद तक
🔹 भर्ती दो चरणों में होगी:
- पहले चरण में 50%
- दूसरे चरण में शेष 50%
2. 51 से 200 पद तक
🔹 भर्ती तीन चरणों में होगी:
- यदि रिक्तियाँ 33% से कम हों – एक बार में भरेंगे
- यदि 33% से अधिक व 66% से कम हों –
- पहला साल: 8%
- दूसरा साल: 46%
- तीसरा साल: 46%
- यदि 66% से अधिक रिक्तियाँ हों –
- पहला साल: 8%
- दूसरा साल: 31%
- तीसरा साल: 31%
- चौथा साल: 30%
3. 200 से अधिक पद
🔹 भर्ती चार या पाँच चरणों में होगी:
- यदि रिक्तियाँ 25% से कम हों – एक बार में पूरी
- यदि 25%–50% हों – तीन साल में
- 8%, 46%, 46%
- यदि 50%–75% हों – चार साल में
- 8%, 31%, 31%, 30%
- यदि 75% से अधिक हों – पाँच साल में
- 8%, 23%, 23%, 23%, 23%
🔹 2025 में ESB द्वारा प्रस्तावित परीक्षाएँ और संभावित तिथियाँ
| परीक्षा | संभावित तिथि |
|---|---|
| आबकारी आरक्षक भर्ती | अगस्त 2025 |
| प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा | अगस्त-सितंबर 2025 |
| समूह-02, उपसमूह-03 | अक्टूबर 2025 |
| समूह-01, उपसमूह-02 | अक्टूबर 2025 |
| संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा | सितंबर 2025 |
| समूह-02, उपसमूह-04 | नवंबर 2025 |
| क्षेत्ररक्षक, जेल प्रहरी | नवंबर 2025 |
| समूह-03, उपयंत्री | जनवरी 2026 |
| आईटीआई प्रशिक्षक अधिकारी चयन परीक्षा | फरवरी 2026 |
| समूह-02, उपसमूह-02 | मार्च 2026 |
| सूबेदार, सहायक उप निरीक्षक | अप्रैल 2026 |
| पुलिस आरक्षक जीडी | अप्रैल 2026 |
| सहायक उप निरीक्षक (कंप्यूटर) व प्रधान आरक्षक (कंप्यूटर) | मई 2026 |
✍️ निष्कर्ष:
मध्यप्रदेश की भर्ती प्रणाली अब अधिक पारदर्शी और चरणबद्ध हो गई है। MPPSC और ESB दोनों एजेंसियाँ अपने-अपने स्तर पर भर्ती प्रक्रिया का संचालन करती हैं, साथ ही खाली पदों को भरने के लिए चरणबद्ध फॉर्मूले से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राज्य की रिक्तियाँ समयबद्ध रूप से भरी जा सकें।