NHM संविदाकर्मियों को भी अनुकंपा नियुक्ति

भोपाल
मध्य प्रदेश में अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों के आश्रितों को भी अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का निर्णय लिया गया है। यह नियम 1 अक्टूबर 2025 के बाद लागू होगा। अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन सिर्फ उन्हीं कर्मियों के परिवार को मिलेगा, जिनकी नियमित सेवा अवधि न्यूनतम 5 वर्ष रही हो और उनकी मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई हो।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में वर्तमान में NHM के तहत करीब 32 हजार संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। लंबे समय से संविदा कर्मचारियों की मांग थी कि उनके आश्रितों को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाए।
NHM (National Health Mission) – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना है, खासकर गरीब और कमजोर वर्गों के लिए। इसकी शुरुआत 2005 में NRHM (National Rural Health Mission) के रूप में हुई थी, जिसे बाद में NHM कहा गया जिसमें शहरी क्षेत्र को भी शामिल किया गया।
✅ NHM का उद्देश्य:
- सभी के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना।
- टीकाकरण, प्रसव पूर्व और पश्चात सेवाएं देना।
- बीमारियों की रोकथाम, जाँच और उपचार उपलब्ध कराना।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), उपस्वास्थ्य केंद्र (Sub-Center), और जिला अस्पतालों को मजबूत करना।
👨⚕️ NHM में कौन-कौन से कर्मचारी काम करते हैं और क्या कार्य होते हैं?
| पद | मुख्य कार्य |
|---|---|
| ANM (Auxiliary Nurse Midwife) | गर्भवती महिलाओं की देखभाल, प्रसव सेवाएं, टीकाकरण |
| GNM (General Nurse Midwife) | अस्पतालों में मरीजों की देखभाल |
| CHO (Community Health Officer) | हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं देना |
| स्टाफ नर्स | मरीजों को दवाई देना, डॉक्टरों की सहायता करना |
| Lab Technician | खून, यूरिन आदि की जांच करना |
| Pharmacist | डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों को वितरण करना |
| Data Entry Operator | स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा डेटा ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज करना |
| Programme Manager/Block Manager | NHM योजनाओं के संचालन, निगरानी और रिपोर्टिंग का कार्य |
| ASHA कार्यकर्ता | गाँव-गाँव जाकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और मरीजों की पहचान, स्वास्थ्य सेवा की जानकारी देना |
🏥 NHM के तहत चलने वाली प्रमुख योजनाएँ:
- जननी सुरक्षा योजना
- मिशन इन्द्रधनुष (टीकाकरण)
- राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम
- मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी कार्यक्रम
- पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC)
- आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत संचालित होती हैं और ये भारत के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं। नीचे इन सभी योजनाओं का विवरण और उनसे मिलने वाले लाभ दिए गए हैं:
🟢 1. जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana – JSY)
📌 उद्देश्य:
- गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव (अस्पताल में डिलीवरी) के लिए प्रोत्साहित करना।
- मातृ मृत्यु दर (MMR) को कम करना।
🎁 लाभ:
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की गर्भवती महिला को प्रसव के बाद आर्थिक सहायता दी जाती है।
- ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ₹1400 और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को ₹1000 तक की सहायता।
- ASHA कार्यकर्ता को महिला को अस्पताल ले जाने और सहयोग करने पर ₹600 तक प्रोत्साहन राशि।
🟢 2. मिशन इन्द्रधनुष (Mission Indradhanush)
📌 उद्देश्य:
- 0 से 2 वर्ष के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सभी जरूरी टीके उपलब्ध कराना।
🎁 लाभ:
- बच्चों को 7 जानलेवा बीमारियों (जैसे डिप्थीरिया, टिटनेस, पोलियो, खसरा, टीबी, हेपेटाइटिस-बी, हिब) से सुरक्षा।
- गर्भवती महिलाओं को टिटनेस और अन्य टीके नि:शुल्क।
- टीकाकरण हर महीने विशेष अभियान के रूप में चलाया जाता है।
🟢 3. राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम (National Programme for Prevention and Control of Non-Communicable Diseases – NPCDCS)
📌 उद्देश्य:
- डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, कैंसर आदि जैसे गैर-संक्रमणीय रोगों की पहचान और रोकथाम।
🎁 लाभ:
- 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच।
- उच्च रक्तचाप और मधुमेह के रोगियों को नियमित दवा और परामर्श।
- कैंसर की प्रारंभिक जांच और रेफरल की सुविधा।
🟢 4. मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी कार्यक्रम
📌 उद्देश्य:
- सुरक्षित प्रसव, शिशु की देखभाल और पोषण से जुड़ी सेवाओं के माध्यम से MMR और IMR को कम करना।
🎁 लाभ:
- निःशुल्क प्रसव सेवाएं, एम्बुलेंस सुविधा, रक्त की व्यवस्था।
- नवजात शिशुओं की विशेष नवजात देखभाल इकाइयाँ (SNCU)।
- गर्भवती महिला की नियमित जांच, आयरन, कैल्शियम सप्लीमेंट।
🟢 5. पोषण पुनर्वास केंद्र (Nutrition Rehabilitation Center – NRC)
📌 उद्देश्य:
- गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का इलाज और देखभाल।
🎁 लाभ:
- 6 माह से 5 वर्ष तक के गंभीर कुपोषित बच्चों को 10–14 दिन तक नि:शुल्क भर्ती कर इलाज और पोषण दिया जाता है।
- माँ को भी रहने, भोजन और यात्रा भत्ता मिलता है।
- माताओं को पोषण संबंधी परामर्श।
🟢 6. आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (Ayushman Bharat – Health and Wellness Centres – HWC)
📌 उद्देश्य:
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत करके समग्र और व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं देना।
🎁 लाभ:
- निःशुल्क OPD सेवाएं, जाँच, दवाइयाँ।
- 12 प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ जैसे मातृ और शिशु स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग, टीकाकरण, मानसिक स्वास्थ्य, आदि।
- ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को घर के पास ही बेहतर प्राथमिक इलाज उपलब्ध कराना।
- वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को ₹5 लाख प्रति वर्ष प्रति परिवार तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलती है।
🔵 काम की बात (महत्वपूर्ण बिंदु)
- नियुक्ति मृत्यु के 7 वर्ष तक दिए जाने की पात्रता होगी।
- पहली नियुक्ति तृतीय श्रेणी के पद पर ही की जाएगी।
- यदि उक्त पद रिक्त नहीं है तो चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दी जा सकती है।
- चयनित अभ्यर्थी को न्यूनतम 45 वर्ष की आयु तक सेवा में रहना अनिवार्य होगा।
🟢 जानें कौन पात्र होगा
- संविदा कर्मी की कार्यरत रहते मृत्यु हुई हो।
- पारिवारिक आय प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
- आवेदन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र, नियुक्ति आदेश, एवं सेवा पुस्तिका की छायाप्रति आवश्यक।
- पात्रता की पुष्टि होने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय से प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
- अंतिम निर्णय स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा लिया जाएगा।
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