शीर्षक: नियम 2025 से खुला रास्ता – अब 10 बड़े विभागों के उच्च पदों पर प्रमोट होंगे SC-ST अफसर

दिनांक: 30 जून 2025
स्थान: भोपाल
स्रोत: दैनिक भास्कर
प्रस्तावना:
मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 से एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है, जिससे अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के अफसरों को उच्च पदों पर पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। इस निर्णय के तहत अब लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, जल संसाधन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी जैसे 10 बड़े विभागों में SC-ST वर्ग के अधिकारी पदोन्नति पा सकेंगे।
🧩 महत्वपूर्ण शब्दावली (Key Terms):
| शब्द | अर्थ |
|---|---|
| आरक्षण (Reservation) | सरकारी पदों पर पिछड़े वर्गों को तय प्रतिशत में अवसर देना |
| पदोन्नति (Promotion) | कर्मचारी को ऊँचे पद पर नियुक्त करना |
| SC/ST | अनुसूचित जाति/जनजाति |
| DPC (Departmental Promotion Committee) | विभागीय प्रमोशन समिति |
| नियम 2025 | मध्यप्रदेश शासन द्वारा SC/ST पदोन्नति के लिए लागू नया नियम |
| अनुच्छेद 16(4A) | पदोन्नति में आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था |
| प्रशासनिक दक्षता (Administrative Efficiency) | शासन व्यवस्था की गुणवत्ता और क्षमता |
मुख्य बिंदु:
🟢 9 साल बाद खुला प्रमोशन का रास्ता
- राज्य में लगभग 9 वर्षों से पदोन्नति पर रोक लगी हुई थी।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियम-2025 को मान्यता मिलने के बाद पदोन्नति प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
- अब विभागीय प्रमोशन कमेटी (DPC) की बैठकें शुरू होकर लंबित पदों को भरा जाएगा।
बड़े विभाग जिनमें होंगे प्रमोशन:
- लोक निर्माण विभाग
- स्कूल शिक्षा विभाग
- जल संसाधन विभाग
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास
- महिला एवं बाल विकास
- राजस्व
- नगरीय प्रशासन
- कृषि
- आदिवासी कार्य विभाग

प्रमुख आंकड़े:
🟧 54 विभागों में प्रमोशन कमेटी की बैठक जल्द शुरू होगी
🟨 एडिशनल डायरेक्टर कैडर में 3 पद खाली
- जल संसाधन, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में एडिशनल डायरेक्टर स्तर पर पद खाली हैं।
- नियम 2025 के अंतर्गत आरक्षित वर्गों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी।
स्कूल शिक्षा और पंचायत विभाग में स्थिति:
- स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक संचालक से उपसंचालक और संचालक स्तर तक के प्रमोशन लम्बित हैं।
- पंचायत विभाग में आरक्षित और अनारक्षित वर्ग की स्थिति संतुलित है, जिससे वहां भी जल्दी प्रमोशन संभव है।
पदोन्नति में आरक्षण (Reservation in Promotion) भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त एक व्यवस्था है, जिसके तहत अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को सेवा में पदोन्नति (Promotion) के दौरान विशेष अवसर और आरक्षित स्थान दिए जाते हैं।
🔷 क्या है पदोन्नति में आरक्षण?
पदोन्नति में आरक्षण का मतलब यह है कि सरकारी सेवा में जब किसी कर्मचारी को उच्च पद पर प्रमोट किया जाता है, तो SC और ST वर्ग के कर्मचारियों के लिए कुछ प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाते हैं। यह व्यवस्था इस उद्देश्य से की गई है कि ऐतिहासिक रूप से वंचित वर्गों को सरकारी तंत्र में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके।
🔹 कानूनी आधार:
- संविधान का अनुच्छेद 16(4A):
यह राज्य को यह शक्ति देता है कि वह SC/ST वर्ग के लिए पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान कर सके यदि वह माने कि वे सेवाओं में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे हैं। - न्यायिक निर्णय:
सुप्रीम कोर्ट ने समय-समय पर यह स्पष्ट किया है कि पदोन्नति में आरक्षण तब दिया जा सकता है जब –- पिछड़ापन सिद्ध हो
- पर्याप्त प्रतिनिधित्व न हो
- प्रशासनिक दक्षता प्रभावित न हो
🔸 मध्यप्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण:
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से पदोन्नति में आरक्षण को लेकर विवाद और न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद “नियम 2025” लागू किया गया है, जिससे अब फिर से SC-ST वर्ग के अफसरों को प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है।
✅ पदोन्नति में आरक्षण के लाभ:
- प्रशासनिक सेवा में विविधता आती है
- सामाजिक न्याय की पूर्ति होती है
- वंचित वर्गों को नेतृत्व के अवसर मिलते हैं
- सामंजस्यपूर्ण प्रशासनिक तंत्र बनता है
⚠️ विवाद और चुनौतियाँ:
- सामान्य वर्ग के कर्मचारियों में असंतोष
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘मेरिट’ और ‘प्रशासनिक क्षमता’ बनाए रखने पर ज़ोर
- कुछ मामलों में प्रमोशन में देरी
🔍 सारांश:
👉 वर्तमान में कई विभागों में 60-70% तक उच्च पदों पर सामान्य वर्ग का कब्जा है,
क्योंकि SC-ST वर्ग के प्रमोशन लंबे समय तक रोके गए थे।
अब नियम 2025 लागू होने से यह संतुलन धीरे-धीरे सुधरेगा।
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