हर 10 वर्ष में अगला वेतनमान लगाया जाता है।

नीचे दिए गए सारणी में 1947 से 2016 तक के वेतनमान और उनका प्रत्येक 10 वर्ष में लागू होने का विवरण दिया गया है। साथ ही 8वां वेतनमान 2026 में लागू होगा।
क्रम संख्या | वेतनमान | लागू होने का वर्ष |
---|---|---|
1 | पहला वेतनमान | 1947 |
2 | दूसरा वेतनमान | 1956 |
3 | तीसरा वेतनमान | 1966 |
4 | चौथा वेतनमान | 1976 |
5 | पांचवां वेतनमान | 1986 |
6 | छठा वेतनमान | 1996 |
7 | सातवां वेतनमान | 2016 |
8 | आठवां वेतनमान | 2026 से 2036 |
नोट्स:
- वेतनमानों में सुधार आम तौर पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा गठित वेतन आयोगों की सिफारिशों के आधार पर लागू होता है।
- प्रत्येक वेतनमान आमतौर पर पिछले 10 वर्षों की महंगाई, मुद्रा स्फिती, आर्थिक स्थिति और सरकारी कर्मचारियों के लाभों को ध्यान में रखकर संशोधित किया जाता है।
- अगला, यानी आठवां वेतन आयोग, 2026 में लागू होने की संभावना है।
6वें से 7वें वेतनमान में वृद्धि:6वें
वेतनमान में कर्मचारियों का मुल वेतन था (जैसे 12,560 रुपये),
जिसे 7वें वेतनमान में लगभग 2.57 से 2.62 गुना बढ़ाया गया था।
3200 से उपर के ग्रेड पे में 2.62 एवं 32,00 से कम में 2.57 बढ़ाया गया था।
12,560*2.57= 32,279 (लेवल 7 की स्थिति में)
7वें से 8वें वेतनमान में अनुमानित वृद्धि:
8वें वेतनमान की अनुमानित वृद्धि लगभग 2.6 गुना हो सकती है।
इसलिए, 7वें वेतनमान के हिसाब से 8वें वेतनमान में कर्मचारियों का वेतन 2.6 गुना बढ़ सकता है।
उदाहरण के लिए, 25,000 रुपये का वेतन बढ़कर 65,000 रुपये हो सकता है।
अगला वेतनमान लागु होने पर वेतन कैसे और क्यों बढ़ता है?
फिटमेंट गुणांक (Fitment Factor) एक ऐसा गुणांक है, जिसका उपयोग वेतनमान में वृद्धि और वेतन संरचना के निर्धारण के लिए किया जाता है। यह मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बदलाव करने के लिए उपयोग किया जाता है, खासकर जब वेतन आयोग (जैसे 6वें, 7वें या 8वें वेतन आयोग) के तहत वेतन वृद्धि की जाती है।
फिटमेंट गुणांक का उद्देश्य:
- फिटमेंट गुणांक का उद्देश्य कर्मचारी के पुराने वेतन को एक नए वेतन संरचना में बदलना है।
- यह सुनिश्चित करता है कि पुराने वेतन को नए वेतनमान में सम्मिलित करने पर एक समान बढ़ोतरी हो और कर्मचारियों को उचित वेतन वृद्धि मिले।
फिटमेंट गुणांक कैसे निर्धारित होता है?
फिटमेंट गुणांक मुख्य रूप से वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह गुणांक उस समय की आर्थिक परिस्थितियों, मुद्रास्फीति, और कर्मचारियों के जीवन स्तर को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है।
फिटमेंट गुणांक की गणना:
- फिटमेंट गुणांक के निर्धारण के लिए आमतौर पर एक बेस वेतन को लिया जाता है, जिसे आयोग के तहत न्यूनतम वेतन के रूप में माना जाता है।
- फिर इस बेस वेतन को एक निर्धारित गुणांक से गुणा किया जाता है, ताकि नया वेतन निर्धारित किया जा सके।
उदाहरण:
मान लीजिए, 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट गुणांक 2.57 था, इसका मतलब था कि पुराने वेतन को 2.57 से गुणा करके नया वेतन तय किया गया।
अगर किसी कर्मचारी का पुराना वेतन 20,000 रुपये था, तो 7वें वेतन आयोग के तहत नया वेतन होगा:20,000 रुपये×2.57=51,400 रुपये20,000 \, \text{रुपये} \times 2.57 = 51,400 \, \text{रुपये}20,000रुपये×2.57=51,400रुपये
फिटमेंट गुणांक कैसे बढ़ता है:
- वेतन आयोग के तहत समय-समय पर यह गुणांक बढ़ाया जाता है, ताकि कर्मचारियों को मुद्रास्फीति और जीवन यापन की लागत के मुताबिक अधिक वेतन मिल सके।
- यह गुणांक आर्थिक स्थिति, कर्मचारियों की मांग, और राज्य या केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति के आधार पर बदलता रहता है।
फिटमेंट गुणांक का उद्देश्य कर्मचारियों के पुराने वेतन को नई वेतन संरचना के तहत लाना और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी वास्तविक वेतन में वृद्धि हो, ताकि उनका जीवन स्तर बना रहे।
Note- फिटमेंट गुणांक में सब मर्ज हो जाता है जैसे- DA or HRA
मध्यप्रदेश शिक्षकों के मुल वेतन?
मध्यप्रदेश में वर्तमान स्थिति।
क्रम संख्या | शिक्षक वर्ग | मूल वेतन (₹) | ग्रेड पे (₹) |
---|---|---|---|
1 | शिक्षक वर्ग-1 | ₹36,200 | ₹3,600 |
2 | शिक्षक वर्ग-2 | ₹32,800 | ₹3,200 |
3 | शिक्षक वर्ग-3 | ₹25,300 | ₹2,400 |
परिवीक्षा अवधी के आधार पर वर्गीकरण-
प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष के वेतन को उनके मूल वेतन का प्रतिशत दर्शाते हुए दिखाया गया है:
Note- मूल वेतन में (DA) महंगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा जुड़ कर वेतन प्राप्त होता है।
क्रम संख्या | शिक्षक वर्ग | मूल वेतन (₹) | प्रथम वर्ष (70%) | द्वितीय वर्ष (80%) | तृतीय वर्ष (90%) | चतुर्थ वर्ष (100%) |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | शिक्षक वर्ग-1 | ₹36,200 | ₹25,340 | ₹28,960 | ₹32,580 | ₹36,200 |
2 | शिक्षक वर्ग-2 | ₹32,800 | ₹22,960 | ₹26,240 | ₹29,520 | ₹32,800 |
3 | शिक्षक वर्ग-3 | ₹25,300 | ₹17,710 | ₹20,240 | ₹22,770 | ₹25,300 |
नीचे दी गई नई सारणी में प्रत्येक वर्ष के वेतन में 50% महंगाई भत्ता (DA) और ₹350 गृह भाड़ा भत्ता (HRA) को जोड़ा गया है। यह परिवीक्षा अवधि के अनुसार दर्शाया गया है:
क्रम संख्या | शिक्षक वर्ग | मूल वेतन (₹) | प्रथम वर्ष (70%) | द्वितीय वर्ष (80%) | तृतीय वर्ष (90%) | चतुर्थ वर्ष (100%) |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | शिक्षक वर्ग-1 | ₹36,200 | ₹38,360 | ₹43,990 | ₹49,620 | ₹55,250 |
2 | शिक्षक वर्ग-2 | ₹32,800 | ₹34,510 | ₹39,110 | ₹43,710 | ₹48,310 |
3 | शिक्षक वर्ग-3 | ₹25,300 | ₹26,765 | ₹30,440 | ₹34,115 | ₹37,790 |
उदाहरण 2016
क्रम 4 में दिए 12560 मूल वेतन का उदाहरण है जो 2016 ले पहले था।

2026 के लिए युनियन की मांग- 2.8 है।
दिए गए कैलकुलेटर में अपना मूल वेतन डालकर देखे । 8वे वेतनमान के अनुसार परिणाम प्राप्त होगा।
वेतन कैलकुलेटर
32,000 से अधिक ग्रेड पे के लिए-- मूल वेतन डाले
वेतन कैलकुलेटर
इस केलकुलेट में दिए फिटमेंट गुणांक पिछले 7वे वेतनमान के अनुसार दिए है 2.57 और 2.62 । 8वे वेतनमान में ये लगभग इसके आस-पास रहेंगे हम पहले से भविष्यवाणी इसलिए नही कर सकते क्यों इसे Commission वर्तमान देश की आर्थिक स्थिति के आधार पर तय करता है।