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राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल होंगी सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड की वैक्सीन।

 भोपाल: राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल होंगी सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड की वैक्सीन



भोपाल, 11 अगस्त 2024:
भोपाल में स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम कदम उठाते हुए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड की वैक्सीन को शामिल करने की घोषणा की है। यह निर्णय शहर में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों और टाइफाइड की रोकथाम के लिए लिया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य 9 से 14 वर्ष की आयु की बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित करना और टाइफाइड के संक्रमण को नियंत्रित करना है।

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम पर जोर

सर्वाइकल कैंसर, जो महिलाओं में एक गंभीर बीमारी है, अब भोपाल में एक चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। शहर के बड़े अस्पतालों में हर महीने लगभग 50 नए मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 70% महिलाएं इस बीमारी के बारे में जागरूक नहीं होतीं, जिसके कारण समय पर इलाज नहीं हो पाता। इस स्थिति को देखते हुए, 9 से 14 साल की बच्चियों के लिए यह वैक्सीन जीवनरक्षक साबित हो सकती है।

सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) गर्भाशय के ग्रीवा (सर्विक्स) में उत्पन्न होता है और आमतौर पर HPV (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) के संक्रमण के कारण होता है।

कारण:

  1. HPV संक्रमण: HPV एक वायरस है जो यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है और गर्भाशय ग्रीवा में बदलाव कर सकता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है।
  2. यादृच्छिक यौन संबंध: एक से अधिक यौन साझेदार होने और असुरक्षित यौन संबंध रखने से HPV संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  3. धूम्रपान: धूम्रपान से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  4. दीर्घकालिक मौखिक गर्भनिरोधक: लंबे समय तक मौखिक गर्भनिरोधक का उपयोग भी जोखिम कारक हो सकता है।
  5. स्वास्थ्य की कम देखभाल: कम चिकित्सीय देखरेख और नियमित पेल्विक परीक्षण की कमी से भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
  6. इम्यून सिस्टम की कमजोरी: अगर किसी का इम्यून सिस्टम कमजोर है, जैसे कि HIV संक्रमण वाले लोगों में, तो सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

लक्षण:

  1. अनियमित रक्तस्राव: माहवारी के बीच रक्तस्राव या पोस्टकोइटल रक्तस्राव (यौन संबंध के बाद रक्तस्राव)।
  2. गर्भाशय से पानी जैसे या गाढ़े रंग का डिस्चार्ज: गर्भाशय से अधिक मात्रा में या असामान्य डिस्चार्ज।
  3. पेट या पीठ में दर्द: विशेष रूप से दर्द जो लगातार रहता है।
  4. पेशाब में परेशानी: पेशाब के दौरान दर्द या बार-बार पेशाब आना।
  5. यौन संबंधों के दौरान दर्द: यौन संबंधों के दौरान या बाद में दर्द का अनुभव होना।
  6. वजन घटना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन का कम होना।

सर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक चरण में लक्षण स्पष्ट नहीं होते, इसलिए नियमित पेल्विक परीक्षा और Pap स्मीयर टेस्ट का नियमित रूप से कराना महत्वपूर्ण है। इससे कैंसर की प्रारंभिक पहचान संभव हो सकती है और इलाज आसान हो सकता है।

टाइफाइड की वैक्सीन

 

भोपाल में टाइफाइड के मामलों में भी लगातार वृद्धि हो रही है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह टीकाकरण बच्चों को इस संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

टाइफाइड एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जिसे Salmonella typhi नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर दूषित खाद्य पदार्थों या पानी के माध्यम से फैलता है।

कारण:

  1. दूषित पानी और भोजन: संक्रमित पानी और खाद्य पदार्थ, खासकर जिनमें सफाई का ध्यान न रखा गया हो।
  2. स्वच्छता की कमी: खराब स्वच्छता और सफाई के कारण संक्रमण फैल सकता है।
  3. संक्रामक व्यक्ति से संपर्क: यदि कोई व्यक्ति टाइफाइड से संक्रमित है और उसका ठीक से इलाज नहीं हुआ है, तो उसके संपर्क में आने से भी संक्रमण फैल सकता है।

लक्षण:

  1. बुखार: धीरे-धीरे बढ़ता हुआ बुखार, जो कई दिनों तक जारी रह सकता है।
  2. कमज़ोरी और थकावट: सामान्य रूप से थकावट और कमजोरी महसूस होती है।
  3. पेट दर्द: पेट में दर्द और असुविधा हो सकती है।
  4. खांसी और गले में खराश: सूखी खांसी और गले में खराश भी हो सकती है।
  5. सिरदर्द और शरीर में दर्द: सिरदर्द और शरीर में दर्द होना आम है।
  6. भूख में कमी: भोजन करने में रुचि की कमी होना।
  7. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण: जैसे दस्त या कब्ज, मतली और उल्टी।

यदि किसी को इन लक्षणों का अनुभव हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। उचित उपचार और एंटीबायोटिक्स के साथ टाइफाइड का इलाज संभव है।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे इस टीकाकरण अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने बच्चों को इन गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखें। सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन से न केवल लड़कियों की सुरक्षा होगी, बल्कि यह उन्हें भविष्य में होने वाली इस गंभीर बीमारी से भी बचाएगी।

भोपाल की स्थिति

सर्वाइकल कैंसर के मामलों में भोपाल देश में 15वें स्थान पर है, जो कि चिंता का विषय है। आंकड़ों के मुताबिक, यहां 31% महिलाएं स्तन कैंसर और 12% महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और इस टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

भोपाल में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड की वैक्सीन को शामिल करना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा में मददगार साबित होगी। यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि गंभीर बीमारियों की रोकथाम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भोपाल के नागरिकों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने बच्चों का टीकाकरण कराना चाहिए, ताकि वे स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकें।

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