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डेंगु से सावधान, यह जानलेवा है। लक्षण, पहचान एवं उपाए ।

 डेंगु को आने से रोके। डेंगु है जानलेवा!

डेंगू की गंभीरता:

डेंगू के मामले फिर से बढ़ने के साथ, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। बड़े अस्पतालों में ओपीडी में हर हफ्ते 8-10 मरीज आ रहे हैं, जबकि महिने भर पहले तक अस्पतालों में हफ्ते में 2-3 मरीज ही आ रहे थे।

विशेषज्ञ की राय:

डॉ. मन्मथनाथ मंडलोई, एपिडेमियोलॉजिस्ट के अनुसार, 5 साल के चक्र का ट्रेंड है लेकिन इसका स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है। यह संभावित रूप से मच्छरों के प्रजनन और जनसंख्या की प्रतिरक्षा के कारण हो सकता है।

सावधानियां और समाधान:

  1. जलभराव से बचें: मच्छर पानी में पनपते हैं, इसलिए जलभराव रोकना महत्वपूर्ण है।
  2. व्यक्तिगत सुरक्षा: मच्छरदानी और मच्छर प्रतिरोधी क्रीम का उपयोग करें।
  3. साफ-सफाई: घर और आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखें।
  4. जल स्रोतों को ढकें: पानी की टंकियों और कंटेनरों को ढक कर रखें।

डेंगू मच्छरों की पहचान कैसे करें-

डेंगू फैलाने वाले मच्छर (एडीस एजिप्टी) की विशेषताएं:

पहचान

  • रंग: एडीस एजिप्टी मच्छर काले और सफेद धारीदार होते हैं।
  • धारियां: इनके पैरों और शरीर पर सफेद धारियां होती हैं, जो इन्हें पहचानने का एक महत्वपूर्ण संकेत है।
  • आकार: ये मच्छर आकार में छोटे होते हैं, आमतौर पर 4 से 7 मिमी के होते हैं।

गतिविधियांँ

  • दिन में सक्रिय: एडीस मच्छर मुख्य रूप से दिन के समय सक्रिय होते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय।
  • प्रजनन स्थल: ये मच्छर साफ और स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं, जैसे फूलदान, पानी की टंकी, और कूलर में।
  • काटने की आदत: ये मच्छर आमतौर पर टखनों और कोहनी के नीचे काटते हैं।

लार्वा की पहचान:

  • पानी की सतह पर: एडीस मच्छरों के लार्वा पानी की सतह पर तैरते हैं और जब उन्हें परेशानी होती है, तो वे तेजी से तैरते हैं।
  • साफ पानी: ये लार्वा साफ पानी में पाए जाते हैं, जैसे गमलों में जमा पानी, नल के पास आदि।

सावधानियां:

घर और आसपास साफ-सफाई:

  • पानी की टंकियों और कंटेनरों को ढक कर रखें।
  • गमलों में जमा पानी को नियमित रूप से बदलें।
  • घर के आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें।

व्यक्तिगत सुरक्षा:

  • मच्छरदानी का उपयोग करें।
  • मच्छर प्रतिरोधी क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें।
  • पूर्ण आस्तीन के कपड़े पहनें।

सामुदायिक प्रयास:

  • सामुदायिक सफाई अभियानों में भाग लें।
  • स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान और सफाई करें

सावधानियां:

घर और आसपास साफ-सफाई:

  • पानी की टंकियों और कंटेनरों को ढक कर रखें।
  • गमलों में जमा पानी को नियमित रूप से बदलें।
  • घर के आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें।

व्यक्तिगत सुरक्षा:

  • मच्छरदानी का उपयोग करें।
  • मच्छर प्रतिरोधी क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें।
  • पूर्ण आस्तीन के कपड़े पहनें।

सामुदायिक प्रयास:

सामुदायिक सफाई अभियानों में भाग लें।

स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान और सफाई करें।


पानी की सतह पर: एडीस मच्छरों के लार्वा पानी की सतह पर तैरते हैं और जब उन्हें परेशानी होती है, तो वे तेजी से तैरते हैं।

साफ पानी: ये लार्वा साफ पानी में पाए जाते हैं, जैसे गमलों में जमा पानी, नल के पास आदि।

आंकड़े और विश्लेषण:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार:


वार्षिक मामले: भारत में हर साल औसतन 1-2 लाख डेंगू के मामले दर्ज होते हैं।

मौतें: औसतन, हर साल डेंगू से 200-400 लोगों की मृत्यु होती है।


डेंगू के लक्षण

डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडीस मच्छरों के काटने से फैलता है। इसके लक्षण संक्रमण के 4-10 दिन बाद दिखाई देते हैं और ये आमतौर पर 2-7 दिन तक बने रहते हैं। डेंगू के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। यहां डेंगू के प्रमुख लक्षणों का विवरण दिया गया है:

प्रारंभिक लक्षण:

तेज़ बुखार:

  • अचानक तेज़ बुखार आना।

सिरदर्द:

  • गंभीर सिरदर्द होना, खासकर माथे पर।

आंखों के पीछे दर्द:

  • आंखों के पीछे दर्द महसूस होना।

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द:

  • मांसपेशियों और जोड़ों में गंभीर दर्द (इसे “ब्रेकबोन फीवर” भी कहा जाता है)।

थकान और कमजोरी:

  • अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करना।

अन्य सामान्य लक्षण:

त्वचा पर चकत्ते:

  • शरीर पर लाल रंग के चकत्ते या रैशेज़ होना, जो 2-5 दिन बाद प्रकट होते हैं।

मिचली और उल्टी:

  • मिचली आना और उल्टी होना।

गले में खराश:

  • गले में खराश और सूजन होना।

भूख में कमी:

  • भूख न लगना।

गंभीर लक्षण (डेंगू हेमोरेजिक फीवर – DHF):

डेंगू हेमोरेजिक फीवर एक गंभीर स्थिति है जिसमें निम्नलिखित लक्षण शामिल हो सकते हैं:

ब्लीडिंग:

  • नाक, मसूड़े, या त्वचा पर छोटे लाल धब्बे (पेटेकिया)।

प्लेटलेट काउंट में कमी:

  • खून में प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से कमी।

ब्लड प्रेशर में गिरावट:

  • ब्लड प्रेशर में गिरावट (शॉक की स्थिति)।

ब्लैक स्टूल:

  • मल में रक्त या काले रंग का मल।

पेट में दर्द:

  • पेट में गंभीर दर्द होना।

गंभीर डेंगू (डेंगू शॉक सिंड्रोम – DSS):

डेंगू शॉक सिंड्रोम एक जानलेवा स्थिति है जिसमें निम्नलिखित लक्षण शामिल हो सकते हैं:

तेज़ गिरता हुआ ब्लड प्रेशर:

  • ब्लड प्रेशर में तेज़ गिरावट।

सांस लेने में तकलीफ:

  • सांस लेने में कठिनाई होना।

तेज पसीना आना:

  • अत्यधिक पसीना आना।

बेहोशी:

  • व्यक्ति का बेहोश होना या गंभीर कमजोरी महसूस करना।

निष्कर्ष:

डेंगू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, खासकर यदि इसके लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए। यदि आप या आपका कोई जानने वाला उपरोक्त लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। डेंगू की जांच और उपचार समय पर करवाना आवश्यक है ताकि गंभीर परिणामों से बचा जा सके।

स्रोत:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)

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